१.
पिता का प्यार
अगर मां ने जन्म दिया तो,
पिता ने हमें चलना सिखाया।
मां ने जीवन दिया तो,
पिता ने जीवन जीना सिखाया।
मां ने गोद में खेलाया,
पिता ने कंधे पे बिठाया।
सबने मां का प्यार देखा,
पिता का प्यार किसने है देखा।
बच्चे से बड़े हो गए,
मगर पिता का प्यार समझ ना सके।
मां के बारे में सबने लिखा,
मगर पिता के बारे में किसी ने क्या ही लिखा।
पिता का प्यार गुस्से में है छिपा,
मगर कोई इस प्यार को समझ ना सका।
पिता ने पूरी ज़िन्दगी काटी, बच्चों को खुश रखने में,
और वही बच्चे कह रहे हैं,
आखिर आपने हमारे लिए किया ही क्या है।
पिता ने हमें हर खुशी दी,
मगर हम बच्चे उन्हें एक पल की खुशी ना दे सके,
जिन्होंने हमें बचपन से पाला,
उन्हें हम एक पल भी घर में ना रख सके।
दूर चले गए तो, पता चला उनकी कमी का,
अब रोकर भी क्या करें,
वह बहुत दूर जा चुके।
जैसा प्यार पिता ने किया, वैसा कोई ना कर सका
समझो उस पिता के प्यार को,
जिसने हमें जीवन दान दिया।
२.
दोस्ती हमारी
विद्यालय से शुरू हुई दोस्ती हमारी,
मरने के बाद भी खत्म नहीं हुई ये यारी।
एक समझदार, तो एक है बदमाश।
दिनभर लड़कर अंत में एक साथ,
दोस्ती पुरानी है,
एक अजीब सी कहानी है।
नाजाने ये कैसी यारी है,
जो दो यारों की कहानी है।
जो लड़ते हैं एक दूसरे से
और मरते हैं एक दूसरे पे।
कोई दूसरे को उदास न देख पाए,
उसकी खुशी के लिए किसी से लड़ जाए।
आओ सुनाऊं एक दोस्ती की कहानी,
विद्यालय से शुरू हुई दोस्ती हमारी,
रहते एक दूसरे के साथ हमेशा,
करते एक दूसरे से प्यार हमेशा।
दूसरे के साथ देख न पाएं उसको,
इतनी प्यारी है दोस्ती हमारी।
आओ सुनाऊं एक दोस्ती की कहानी,
विद्यालय से शुरू हुई दोस्ती हमारी,
दोस्ती पुरानी, है अजीब सी कहानी,
आओ सुनाऊं एक दोस्ती की कहानी।
- सना परवीन
कक्षा -६वीं'ब'
केन्द्रीय विद्यालय गांगरानी, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश।